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लेखक:

रामदयाल मुण्डा

जन्म : 1939 ई., डियूटी गांव, जिला : तामर, रांची।

शिक्षा : लूथेरियन मिशन स्कूल, अमलेसा, तामर, रांची, 1946-53; एस.एस. हाई स्कूल, खुन्ती, रांची, 1953-57; एम.ए. (एनथ्रोपोलॉजी), रांची यूनिवर्सिटी, रांची, 1957-63; एम.ए., पी-एच.डी. (लिंग्युस्टिक) 1963-70; शिकागो यूनिवर्सिटी (यू.एस.ए.)।

अध्ययन और शोध : साउथ एशियन लैंग्वेजज एंड सीविलाइजेशन, शिकागो यूनिवर्सिटी में 1963-70 तक रिसर्च सहायक। साउथ एशियन स्टडीज, मिन्नेसोटा विश्वविद्यालय, मिन्नेसोटा में सहायक व संयुक्त प्रोफेसर के रूप में अध्यापन। 1970-1981 से 1999 तक ट्राइवल एंड रिजीनल लैंग्वेजज, रांची विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे। 1983 में आस्ट्रेलियन नेशनल विश्वविद्यालय कैनबरा में विजिटिंग प्रोफेसर। 1986 में साइरेकस विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर और 2001 में टोक्यो विश्वविद्यालय, जापान में विजिटिंग प्रोफेसर।

फैलोशिप : 1977-78 में अमेरिकन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन स्टडीज से फैलोशिप; 1996 में युनाइटेड स्टेट एजूकेशन फाउंडेशन इन इंडिया से फैलोशिप तथा जापान सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ साइंस, टोक्यो से 2001 में फैलोशिप।

अध्ययन व शोध विषय : 1. इंडियन लैंग्वेजज एंड लिटरेचर 2. ट्राइवल पीपल्स ऑफ इंडिया 3. वर्ल्ड इंडिजिनियस मूवमेंट इन झारखंड मूवमेंट।

प्रकाशित पुस्तकें : 13 पुस्तकें, जिनमें 3 पुस्तकों का सम्पादन किया; 51 पेपर्स; 7 पुस्तकों का हिन्दी, संस्कृत, बांग्ला और अंग्रेजी में अनुवाद।

प्रशासनिक कार्य : 1985-88 तक रांची विश्वविद्यालय में कुलपति। राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय कमेटियों और संगठनों की मेम्बरशिप।

आदि धरम

रामदयाल मुण्डा

मूल्य: $ 34.95

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